व्यावसायिक निर्णयों में व्यावसायिक अर्थशास्त्र का महत्व एवं भूमिका

व्यावसायिक निर्णयों में व्यावसायिक अर्थशास्त्र का महत्व एवं भूमिका
(Importance and Role of Business Economics in Business Decisions)
व्यावसायिक अर्थशास्त्र का महत्त्व एवं भूमिका आधुनिक युग में व्यावसायिक निर्णयों में निरन्तर विवरण से स्पष्ट है बढ़ती जा रही है, क्योंकि यह व्यवसाय के कई प्रकार के निर्णयों में सहायक एवं उपयोगी है जैसा निम्नांकित विवरण से स्पष्ट है
1व्यावसायिक संगठन में उपयोगी - व्यावसायिक अर्थशास्त्र व्यवसाय के संगठन क्या ,कितना ,कैसे ,कब और किसके लिए उत्पादन किया जाये आदि के निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
2. व्यवसाय की नीतियों के निर्धारण में सहायक (Helpful in Chalking out Business Policies)-व्यावसायिक फर्मों का मुख्य उद्देश्य अपने लाभ को अधिकतम करने तथा लागतों को न्यूनतम करने में व्यावसायिक अर्थशास्त्र का अध्ययन उपयोगी रहता है और उसके अनुरूप नीतियों का निर्धारण करने में मदद करता है।
3. व्यवसाय नियोजन में मददगार (Helpful in Business Planning)-व्यवसाय के सफल संचालन तथा उत्पादन साधनों के मितव्ययिता पूर्ण उपयोग की योजनाएँ बनाने में व्यावसायिक अर्थशास्त्र उपयोगी रहता है।
4. लागत नियंत्रण में सहायक (Helpful in Cost Control)-व्यवसाय की सफलता बहुत कुछ साधनों के मितव्ययितापूर्ण उपयोग से लागतों के नियंत्रण में निहित है, अतः व्यावसायिक अर्थशास्त्र लागतों के नियंत्रण से लाभ को अधिकतम करने में सहायक रहता है।
5. व्यावसायिक क्रियाओं में समन्वय स्थापित करने में उपयोगी (Useful in Coordination of Business Activities)-व्यावसायिक अर्थशास्त्र व्यवसाय के विभिन्न क्रिया-कलापों में परस्पर समन्वय स्थापित करने में उपयोगी रहता है।
6. माँग-पूर्वानुमान में उपयोगी (Useful in Demand Forecasting)-व्यावसायिक अर्थशास्त्र प्रबन्धकों को माँग-पूर्वानुमान में उपयोगी उपकरण उपलब्ध करता है तथा माँग के अनुरूप उत्पादन नियोजन में सहायक रहता है।
7. व्यावसायिक लाभ नियोजन एवं नियंत्रण में सहायक (Helpful in Profit Planning and Control)-व्यावसायिक अर्थशास्त्र प्रबन्धकों को लाभ के नियोजन और नियंत्रण सम्बन्धी निर्णयों में मदद करता है।
8. व्यावसायिक भविष्यवाणियों के लिये उपयोगी (Useful for Business Predictions)व्यावसायिक अर्थशास्त्र के अध्ययन से प्रबन्धकों को व्यावसायिक भविष्यवाणी के लिये आवश्यक आधार मिलता है।
9. मूल्य निर्धारण में सहायक (Helpful in Price Determination)-व्यावसायिक अर्थशास्त्र | प्रबन्धकों में अपने व्यवसाय के उत्पादनों के मूल्य निर्धारण में आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करता है।
10. व्यावसायिक करारोपण समस्याओं के समाधान में मददगार (Helpful in Solution of Business Taxation Problems)-व्यावसायिक अर्थशास्त्र व्यवसाय में लगने वाले विभिन्न करों से उत्पन्न समस्याओं के समाधान में उपयोगी मार्गदर्शन देता है और व्यवसाय की करारोपण समस्याओं को कम करने में मदद करता है।
11. आर्थिक व्यवस्था के कार्यकरण को समझने में उपयोगी (Useful in Understanding the Mechanism of Economic System)-व्यावसायिक अर्थशास्त्र सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के जटिल कार्य कारण को समझने में उपयोगी रहता है, जिससे व्यावसायिक निर्णयों में मदद मिलती है।
12. सरकारी नीतियों के प्रभावों के विश्लेषण में उपयोगी (Useful in Analysis of Effects of Govt. Policies)-सरकार की विभिन्न नीतियों का व्यावसायिक फर्मों के कार्य संचालन में पड़ने वाले | प्रभावों का विश्लेषण करके उनके बुरे प्रभावों को कम करने तथा अच्छे प्रभावों का लाभ लेने में सहायता मिलती है।
13. बाह्य-वातावरण के अनुकूल व्यवसाय को ढालने का प्रयास-व्यावसायिक अर्थशास्त्र प्रबन्धकों के व्यवसाय के बाह्य-परिस्थितियों के अनुकूल समायोजित करने का मार्ग-दर्शन देता है।
14. मॉडलों के निर्माण एवं प्रयोग में सहायक-व्यावसायिक अर्थशास्त्र प्रबन्धकों को आर्थिक मॉडल तैयार कर व्यवसाय में उनके उपयोग की प्रेरणा देता है ताकि कम से कम लागत पर अधिकतम उत्पादन एवं अधिकतम लाभ का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है।
15. आर्थिक कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने में उपयोगी- व्यावसायिक अर्थशास्त्र प्रबन्धकों को वसाय को इस प्रकार संचालित करने की प्रेरणा देता है ताकि अधिकतम आर्थिक कल्याण का मार्ग प्रशस्त  हो।
16. फर्म की कुशलता का मापन-व्यावसायिक अर्थशास्त्र प्रबन्धकों को व्यावसायिक की  फर्म की कुशलता मापने में उपयोगी उपकरण प्रदान करता है।
           

व्यावसायिक निर्णयों में व्यावसायिक अर्थशास्त्र का महत्व एवं भूमिका व्यावसायिक निर्णयों में व्यावसायिक अर्थशास्त्र का महत्व एवं भूमिका Reviewed by Unknown on अगस्त 24, 2018 Rating: 5

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